अगरतला त्रिपुरा में भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर 'रक्षा बंधन' की कुछ तस्वीरें, बीएसएफ 120 बीएन द्वारा आनंद मार्ग चिल्ड्रन होम (गर्ल्स) के सहयोग से आयोजित, जहा आनंद मार्ग के प्रवर्तक श्री श्री आनंदमूर्ति जी के चरण कमल वर्ष 1969 में रखे थे।
भारत देश की सरहद को कोई छू नहीं सकता, जब निगहबान हों ये आंखें. देश की सुरक्षा के लिए हमारे वीर जवान हमेशा मुस्तैद रहते हैं और वीर जवान रक्षाबंधन का त्यौहार भी सीमा पर ही मनाते है. रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के अटूट रिश्ते का प्रतीक है. इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनसे उम्र रक्षा का वचन मांगती हैं । ऐसे में भारत बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सेना के जवानों को आनंद मार्ग चिल्ड्रन होम के बच्चे ने रक्षाबंधन के अवसर पर जवानों की कलाई पर राखी बांधी और उनके माथे पर तिलक लगाया तथा उनकी लंबी उम्र की प्रार्थना भी की।
समानता, सद्भावना और परिवार के महत्व की भावना से भरपूर यह पर्व हमें एक दूसरे के प्रति आदर्श संबंधों की महत्वपूर्णता को याद दिलाता है। रक्षाबंधन के माध्यम से हम भाई-बहन के बंधन को मजबूती देने के साथ-साथ परिवार के बंधनों की महत्वपूर्णता को भी समझते हैं।
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