सुवर्णरेखा नंदिनी, जमशेदपुर में 8 अक्टूबर, 2023 को संगीत समाज, टेल्को में वार्षिक प्रतियोगिता, सांस्कृतिक कार्यक्रम और साहित्यिक सम्मेलन संपन्न हुआ


 

सुवर्णरेखा नंदिनी, जमशेदपुर में 8 अक्टूबर, 2023 को संगीत समाज, टेल्को में वार्षिक प्रतियोगिता, सांस्कृतिक कार्यक्रम और साहित्यिक सम्मेलन संपन्न हुआ




साहित्य व संस्कृति को समर्पित अंतरराष्ट्रीय संस्था नंदिनी पाठचक्र का झारखण्ड इकाई जमशेदपुर के सुवर्णरेखा नंदिनी का वार्षिक सम्मेलन 'मेघ उत्सव' टेल्को स्थित संगीत समाज सभागार में संपन्न हुआ जिसमें बांग्लादेश के प्रतिनिधि भी सम्मिलित हुए। इस अवसर पर बांग्ला साहित्य की वर्तमान परिप्रेक्ष्य, झारखण्ड में बांग्ला भाषा साहित्य की दशा एवं आज के संदर्भ में साहित्य का उद्देश्य पर चर्चा हुई। उद्घाटन सत्र में संगीत समाज के अध्यक्ष पार्थ मुखोपाध्याय मुख्य अतिथि रहे साथ ही बांग्लादेश के वरिष्ठ साहित्यकार जहरूल इस्लाम, पश्चिम बंगाल से मतीउर रहमान, तारक नाथ दत्त विशेष रूप से उपस्थित थे। संस्था के अध्यक्ष डॉ मीना मुखर्जी ने स्वागत भाषण में कहा कि भारत और बांग्लादेश सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से एक है। सचिव डॉ मनोज पाठक ने वार्षिक प्रतिवेदन पेश किया। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ वैद्यनाथ त्रिपाठी ने झारखण्ड में बांग्ला साहित्य की दशा पर वक्तव्य रखते हुए कहा कि यह बांग्ला भाषियों की मानसिक ताकत है कि प्रतिकूल परिस्थिति में भी बांग्ला भाषा यहाँ प्रचलित है जिसे बचाये रखने की ज़रूरत है। 



दूसरे सत्र में संस्था के सदस्यों के द्वारा 'मल्लारे एसो मेघ' नामक गीति-नृत्य-आलेख्य प्रस्तुत किया गया जिससे हमारे जीवन में मेघ व वर्षा  की महत्ता को दर्शाया गया।  साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए और इससे पूर्व आयोजित नृत्य, गायन, अंकन, काव्य पाठ प्रतियोगिताओं के प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र व मेडल दिए गए। संस्था वरिष्ठ कविगण सुभाष पाल, निसार आमिन, रुमा मुखोपाध्याय, सुदीप्त जेठी राऊत ने काव्य पाठ किया। 





अपने संबोधन में बांग्लादेश के जहरूल इस्लाम ने कहा कि बांग्ला भाषा-संस्कृति दो देशों की धरोहर है जिसे आपसी मैत्री व सद्भाव से संरक्षित की जा सकती है। 


डॉ मनोज पाठक ने कहा कि संस्था साहित्यिक गितिविधियों के माध्यम से सामाजिक समरसता और सह-अस्तित्व का भाव को बढ़ाना चाहती है। 


वरिष्ठ कवयत्री नीता विश्वास ने धन्यवाद गयपन किया। 


कार्यक्रम को सफल बनाने में कृष्णा साहू, माला भट्टाचार्य, इन्द्राणी बोस, निसार आमिन, ऋतम नंदी, शिवदास मुखर्जी, सुजाता घोष, श्रावणी मित्र, नीता विश्वास आदि सदस्यों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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