।आनंद मार्ग के संस्थापक श्री श्री आनंदमूर्ति जी को पटना के बांकीपुर जेल 12 फरवरी 1973 इंदिरा सरकार द्वारा साजिश के तहत दवा के नाम पर विष का प्रयोग किया गया। उसके बाद श्री श्री आनंदमूर्ति जी ने मानवता की रक्षा के लिए विषपान किया और नीलकंठ कहलाए। उन्होंने इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के तौर पर नीलकंठ दिवस मनाने का संदेश दिया। 12 फरवरी को आनंद मार्गी पूरे विश्व में नीलकंठ दिवस मनाते हैं।
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