मध्य प्रदेश स्थित छिंदवाड़ा जिले में आनंद मार्गियों ने बनाया नीलकंठ दिवस

 





मध्य प्रदेश स्थित छिंदवाड़ा जिले  में आनंद मार्गियों ने बनाया  नीलकंठ दिवस

नीलकंठ दिवस के अवसर पर मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में असहाय जरूरतमंद बच्चों के बीच कंबल बांटे गए एवं 800 लोगों को नारायण भोज कराया गया। इस सेवा कार्य में राय दादा , आर  के सनोड़िया, बिहारी लाल सोनी, मंजू जाखुटिया, के सी मेशराम, उमेश दुबे, विजय पाठक एवं राजेश शुक्ला की अहम भूमिका थी।

।आनंद मार्ग के संस्थापक श्री श्री आनंदमूर्ति जी को पटना के  बांकीपुर जेल 12 फरवरी 1973 इंदिरा सरकार द्वारा साजिश के तहत दवा के नाम पर विष का प्रयोग  किया गया। उसके बाद श्री श्री आनंदमूर्ति जी ने मानवता की रक्षा के लिए विषपान किया और नीलकंठ कहलाए। उन्होंने इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के तौर पर नीलकंठ दिवस मनाने का संदेश दिया। 12 फरवरी को आनंद मार्गी पूरे विश्व में नीलकंठ दिवस मनाते हैं।

इस अवसर पर राय दादा ने कहा कि ने  आनंद मार्ग आत्म मोक्षरथम जगत हिताय च के सिद्धांत पर आध्यात्मिक आधार बनाकर व्यक्ति एवं समाज को विकास के पथ पर आगे की ओर ले जाने वाला एक ऐसा संपूर्ण जीवन पद्धति है जो मानव जीवन के शारीरिक मानसिक आध्यात्मिक सामाजिक आर्थिक सभ्यता एवं संस्कृति आदि सारे विषयों का विषद व्याख्या करते हुए मानवीय विकास को व्यक्तिगत एवं समष्टिगत प्रगति में आने वाले सभी समस्याओं का वैज्ञानिक एवं पारदर्शी समाधान का रास्ता बताता है जिससे समाज के सभी वर्गों के लोगों का भौतिक मानसिक एवं आध्यात्मिक विकास हो सके।














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