अपने आप को मूल संगठन कहने वाले रांची एडमिनिस्ट्रेशन AMPS द्वारा विजन सेतु की घटना पर चुप्पी क्यों ?
बाबा ने 17 आनंद मार्गियों को दधीचियो की संज्ञा दी जिन्होंने अपना प्राण भागवत धर्म की प्रतिष्ठा के लिए त्याग कर दिया
रांची एडमिनिस्ट्रेशन विजन सेतु की घटना पर किसी भी प्रकार की श्रद्धांजलि एवं घटना को लेकर कोई रैली का आयोजन नहीं किया गया*
अपनी भुक्ति स्तर पर विजन सेतु पर हुई घटना पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित करने की सूचना भी नहीं दिया
अभीप्रेमानंद जी के हत्यारो के लिए एवं अपने आप को मूल बनाने के लिए रांची एडमिनिस्ट्रेशन कोर्ट में करोड़ों रुपया फूंक दिया।
लेकिन रांची एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा 17 आनंद मार्गियों की निर्मम हत्या करने वालों के लिए कोर्ट में क्यों नहीं याचिका दाखिल की गई ना ही श्रद्धांजलि दी गई
समाज के भावी नेतृत्व समाज आंदोलन के भाग्य विधाता हमारे परम प्रिय श्री सुशील रंजन जी, महेंद्र प्रताप जी, सूरज देव जी*
इतनी संवेदनशील मुद्दों पर भारतवर्ष के 43समाज आज चुप्पी क्यों साधे हुए हैं
आप सभी का समाज आंदोलन एक दिखावा है भाषण में शोषण मुक्त समाज की बनाने की बात करते हैं लेकिन हमारे परिवार के 17 आनंदमार्गीयो के निर्मम हत्या के लिए कोई संवेदना नहीं है। जो समाज घर में हो रहे शोषण के विरुद्ध आवाज नहीं उठा सकता जिसका आवाज रांची एडमिनिस्ट्रेशन के ग्रुपिज्म के साए में सो गया हो वह स्वतंत्र रूप से कैसे शोषण मुक्त समाज की स्थापना करेगा।
भारतवर्ष के कोने-कोने से आवाज उठनी चाहिए। हर एक समाज अपना बैनर लेकर भारतवर्ष व्यापी आंदोलन हो जाना चाहिए। श्री श्री आनंदमूर्ति जी ने इसी प्रउत के लिए विषपान किया। क्या आप लोगों के दिल की और आंखों का आंसू सूख गया है क्या? कितने संवेदनहीन हो गए हैं आप लोग। जिस प्रकार रांची एडमिनिस्ट्रेशन groupism की गुलामी बनाने में सफल हो गया उसी प्रकार समाज भी आज उसी ग्रुपइज्म का शिकार हो गया
मैं उन सभी को कटघरे में करना खड़ा करना चाहता हूं जिन लोगों ने दधीचियों के संवेदनहीन मुद्दे छोड़कर अपने मुद्दे को लाकर अपना स्वार्थ सिद्ध करना चाहते हैं*

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