[07/06, 16:31] Ananda Gita Didi: दादा जिनके घर में कीर्तन हो रहा है उनको कड़ा step लेना चाहिए और कहना चाहिए हमारा कीर्तन सबके लिए है कोई भी अटेंड करे ।जो अपनी भलाई नहीं सोच सकता है उसकी भलाई भला कौन सोचेगा उसी तरह उनको अपने कीर्तन में कौन आएगा ये स्वयं सोचना होगा।लुलु पुलु होने से नहीं चलेगा।
Jitendra Ranchi :-राँची प्रभाग के द्वारा पुनः एक गैर आदर्शगत कुकृत्य को अंजाम दिया गया
विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बस्ती में आयोजित कीर्तन में राँची खेमा के मेघदीपानंद के द्वारा पुनः गुरुद्रोह करवाया गया।
इस कीर्तन में सभी को आमंत्रण किया गया था। वर्तमान 3rd फ्रंट के एक सन्यासी नित्यज्ञानानंद जी कीर्तन करने पहुँचे तबतक राँची प्रभाग के कुछ सन्यासी मेघदीपानंद के नेतृत्व में पहुंच कर आदतन कीर्तन के आध्यात्मिक वातावरण को दूषित करने का प्रयास किया कि अगर नित्यज्ञानानंद कीर्तन में रहेगा तो हमलोग नहीं रहेंगे। वहां के होस्ट मार्गी रंजीत जी ने अनुनय विनय किया कि दादा मैंने सबों को आमंत्रित किया है इसलिए ऐसा न करें। लेकिन उस अकेले सन्यासी नित्यज्ञानानंद को इतना धमकाया गया कि वो अंततः रात्रि में वहाँ से चले गए।
मार्गी समाज से पूछना चाहता हूं कि कीर्तन से किसी को हटाना क्या कहा जायेगा❓
क्या राँची वाकई में AMPS होने की गरिमा खो चुका है❓
क्या मेघदीपानंद इस बात को समझने में असक्षम है कि उनके साथ भी राँची के पदासिनों के द्वारा ऐसा ही किया जाएगा जैसे पहले कई Good Book के संयासियों के साथ किया गया❓
श्री श्री आनंदमूर्ति जी की जय Acharya Divyacetananda Avt kolkatta PRS
बस्ती (उ.प्र.) में कीर्तन के दौरान आ. नितयज्ञनानंद जी के साथ आ. मेघदीपानंद जी (राँची प्रभाग) द्वारा किया गया दुर्व्यवहार अत्यंत निंदनीय है।
एक सन्यासी के साथ इस प्रकार का व्यवहार गुरुसत्ता व संगठन की मर्यादा का उल्लंघन है।
Divyacetananda kolkatta PRS
मैं, आ. दिव्यचेतनानंद, इस कृत्य का घोर विरोध करता हूँ और आग्रह करता हूँ कि संगठन में अनुशासन, सम्मान एवं साधना की गरिमा बनी रहे।
🙏🏻 संगठन की पवित्रता बनाए रखें।
धन्यवाद।
[08/06, 11:07] Chandrasekhar Jee Gkp: *🧡कीर्तन में अपने दुश्मन को न देख सकने का भाव मन की कमजोरी है कीर्तन मंत्र की कमजोरी नही है।अष्टाक्षरी महामंत्र कीर्तन में वह शक्ति है कि सच्चे भाव से किया जाय तो मुक्ति मोक्ष मिल जाएगा।इसे संकीर्ण दायरे में बांधा रांची ग्रुप ने।जैसे प्रसाद छोटे से छोटा टुकड़ा करके हर किसी को बांटते है उसी तरह कीर्तन करने और कीर्तन सुनने का अवसर हर किसी को मिले , हमारे दुश्मन को भी मिले ऐसा जब मन का भाव होगा तो मन तेजी से उठेगा।*
*जो सन्यासी कीर्तन को संकीर्ण दायरे में बांधते है वो एक दिन नरक का भोग करेंगे।वो साधु के वेश में बाबा के मिशन के द्रोही है। जो हमारा बड़ा से बड़ा दुश्मन है उसके साथ भी कीर्तन में बाबा मय होने की चेष्टा होनी चाहिए।हमारे मन मे जिस किसी के प्रति भी क्लेश है उस क्लेश को कीर्तन ही मिटा सकता है।इस सम्बंध में जो कुछ भी मेघडिपानंद जिस किसी के दबाव में किया इसे नजीर न समझ जाय।इसे बाबा की परम्परा समझ भयग्रात न हुआ जाय।यह साधना की कमी और मन की कमजोरी का परिणाम है।बाबा की कीर्तन को इस तरह से संकुचित करने की यदि किसी सन्यासी को मजबूरी है तो इससे अच्छा है सन्यास छोड़कर कोई कम्पटीशन निकाल कर जॉब कर वैवाहिक जीवन व्यतीत करें।*
[08/06, 18:55] Virjananda Vietnam: ⭐️रांची प्रभाग द्वारा UP के बस्ती जिला में एक मार्गी ( Ranjeet) के घर आयोजित कीर्तन के दौरान बीभत्स घटना को अंजाम दिया गया 👇Kiirtan ka date 7&8 June 2025.
राँची प्रभाग के द्वारा पुनः एक गैर
आदर्शगत कुकृत्य को अंजाम दिया गया, जो की घोर निंदनीय है ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बस्ती जिला के एक मार्गी के घर में आयोजित कीर्तन में राँची खेमा के आकाओं ने , मेघदीपानंद जी के द्वारा पुनः गुरुद्रोह करवाया गया।
इस कीर्तन में सभी को आमंत्रण किया गया था। Unity Movement से परमेश्वरानन्द दादा एवं उत्यागानन्द दादा को भी जाना था, लेकिन health तथा विशेष कारण वास ये लोग नहीं जासके । Unity movement के एक सन्यासी दादा नित्यज्ञानानंद जी वहाँ कीर्तन करने पहुँचे, तबतक राँची प्रभाग के कुछ सन्यासी मेघदीपानंद के नेतृत्व में वहाँ पहुंच कर आदतन कीर्तन के आध्यात्मिक वातावरण को दूषित करने का प्रयास किया और बोलने लगा कि, अगर नित्यज्ञानानंद कीर्तन में रहेगा तो हमलोग नहीं रहेंगे। वहां के होस्ट मार्गी श्री रंजीत जी ने हाथ जोड़ के अनुनय विनय किया कि दादा मैंने तो सबों को आमंत्रित किया है इसलिए ऐसा न करें, और शांति से कीर्तन होने दें और आप लोग भी करें । लेकिन उस अकेले सन्यासी नित्यज्ञानानंद को तरह तरह का बातें कहीं गई और उन्हें इतना धमकाया गया कि वो अंततः रात्रि में वहाँ से चले गए।
मार्गी तथा संन्यासी समाज से पूछना चाहता हूं कि, कीर्तन से किसी को भगाना या हटाना या धमकाना ये कोन से आदर्श के अंतर्गत आता है? पापी से पापी को भी बाबा नाम केवलम कीर्तन से वंचित नहीं किया जा सकता है।और यहाँ एक सन्यासी को कीर्तन से भगा दिया गया ।
रांची प्रभाग द्वारा किया गया ऐसे बीभत्स कृत्य को क्या कहा जाए:-
क्या राँची वाकई में AMPS होने की गरिमा को खो चुका है ? क्या रांची वाक़ई में ईष्ट और आदर्श को भूल गया है ?
क्या मेघदीपानंद इस बात को भूल गय या समझने में असक्षम है कि जो कुछ भी वो आज दूसरे के साथ कर रहे है, कल उनके साथ भी राँची के पदासिनों के द्वारा ऐसा ही किया जाएगा ?? जैसे कि हम सब जानते है, अतीत में कितने अच्छे अच्छे संयासियों के साथ किया गया????
मेघदीपानंद जी ने जो किया ये कोई नई बात नहीं है रांची प्रभाग के लिए ।
बस मेरा प्रार्थना यही है कि अब भी अगर हम मार्गी और सन्यासी एक नहीं हुवे तो ये घटना भविष्य में भी बार बार होता रहेगा, कभी मार्गी को भगाएगा कीर्तन और DC से तो कभी संन्यासी को और ये सिलसिला ऐसे ही चलता रहेगा जब आनन्द मार्ग के दुश्मन अपने मकसद में कामयाब नहीं होजायेगा । 🙏❤️🙏❤️🙏
[08/06, 19:40] Shubash Chand Tyagi Meruut: इसमें मैं आयोजन को की गलती कहूंगा आयोजनों को जो दादा नित्य ज्ञान आनंद जी को भगाने के लिए कह रहे थे आयोजनों को खाने वाले सन्यासियों कोई भगा देना चाहिए था ताकि उन्हें सबक मिले जो आचार्य के व्यवहार नहीं करता है उसका तुरंत वहां से भगा देना चाहिए यही इनके लिए उचित व्यवहार और उचित इलाज है धन्यवा
[08/06, 20:28] Virjananda Vietnam: ⭐️रांची प्रभाग द्वारा UP के बस्ती जिला में एक मार्गी ( Ranjeet) के घर आयोजित कीर्तन के दौरान बीभत्स घटना को अंजाम दिया गया 👇Kirtan ka date 7&8 June2025.
राँची प्रभाग के द्वारा पुनः एक गैर
आदर्शगत कुकृत्य को अंजाम दिया गया, जो की घोर निंदनीय है ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बस्ती जिला के एक मार्गी के घर में आयोजित कीर्तन में राँची खेमा के आकाओं ने , मेघदीपानंद जी के द्वारा पुनः गुरुद्रोह करवाया गया।
इस कीर्तन में सभी को आमंत्रण किया गया था। Unity Movement से परमेश्वरानन्द दादा एवं उत्यागानन्द दादा को भी जाना था, लेकिन health तथा विशेष कारण वास ये लोग नहीं जासके । Unity movement के एक सन्यासी दादा नित्यज्ञानानंद जी वहाँ कीर्तन करने पहुँचे, तबतक राँची प्रभाग के कुछ सन्यासी मेघदीपानंद के नेतृत्व में वहाँ पहुंच कर आदतन कीर्तन के आध्यात्मिक वातावरण को दूषित करने का प्रयास किया और बोलने लगा कि, अगर नित्यज्ञानानंद कीर्तन में रहेगा तो हमलोग नहीं रहेंगे। वहां के होस्ट मार्गी श्री रंजीत जी ने हाथ जोड़ के अनुनय विनय किया कि दादा मैंने तो सबों को आमंत्रित किया है इसलिए ऐसा न करें, और शांति से कीर्तन होने दें और आप लोग भी करें । लेकिन उस अकेले सन्यासी नित्यज्ञानानंद को तरह तरह का बातें कहीं गई और उन्हें इतना धमकाया गया कि वो अंततः रात्रि में वहाँ से चले गए।
मार्गी तथा संन्यासी समाज से पूछना चाहता हूं कि, कीर्तन से किसी को भगाना या हटाना या धमकाना ये कोन से आदर्श के अंतर्गत आता है? पापी से पापी को भी बाबा नाम केवलम कीर्तन से वंचित नहीं किया जा सकता है।और यहाँ एक सन्यासी को कीर्तन से भगा दिया गया ।
रांची प्रभाग द्वारा किया गया ऐसे बीभत्स कृत्य को क्या कहा जाए:-
क्या राँची वाकई में AMPS होने की गरिमा को खो चुका है ? क्या रांची वाक़ई में ईष्ट और आदर्श को भूल गया है ?
क्या मेघदीपानंद इस बात को भूल गय या समझने में असक्षम है कि जो कुछ भी वो आज दूसरे के साथ कर रहे है, कल उनके साथ भी राँची के पदासिनों के द्वारा ऐसा ही किया जाएगा ?? जैसे कि हम सब जानते है, अतीत में कितने अच्छे अच्छे संयासियों के साथ किया गया????
मेघदीपानंद जी ने जो किया ये कोई नई बात नहीं है रांची प्रभाग के लिए ।
बस मेरा प्रार्थना यही है कि अब भी अगर हम मार्गी और सन्यासी एक नहीं हुवे तो ये घटना भविष्य में भी बार बार होता रहेगा, कभी मार्गी को भगाएगा कीर्तन और DC से तो कभी संन्यासी को और ये सिलसिला ऐसे ही चलता रहेगा जब आनन्द मार्ग के दुश्मन अपने मकसद में कामयाब नहीं होजायेगा । 🙏❤️🙏❤️🙏
⭐️रांची प्रभाग द्वारा UP के बस्ती जिला में एक मार्गी ( Ranjeet) के घर आयोजित कीर्तन के दौरान बीभत्स घटना को अंजाम दिया गया 👇Kirtan ka date 7&8 June2025.
राँची प्रभाग के द्वारा पुनः एक गैर
आदर्शगत कुकृत्य को अंजाम दिया गया, जो की घोर निंदनीय है ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बस्ती जिला के एक मार्गी के घर में आयोजित कीर्तन में राँची खेमा के आकाओं ने , मेघदीपानंद जी के द्वारा पुनः गुरुद्रोह करवाया गया।
इस कीर्तन में सभी को आमंत्रण किया गया था। Unity Movement से परमेश्वरानन्द दादा एवं उत्यागानन्द दादा को भी जाना था, लेकिन health तथा विशेष कारण वास ये लोग नहीं जासके । Unity movement के एक सन्यासी दादा नित्यज्ञानानंद जी वहाँ कीर्तन करने पहुँचे, तबतक राँची प्रभाग के कुछ सन्यासी मेघदीपानंद के नेतृत्व में वहाँ पहुंच कर आदतन कीर्तन के आध्यात्मिक वातावरण को दूषित करने का प्रयास किया और बोलने लगा कि, अगर नित्यज्ञानानंद कीर्तन में रहेगा तो हमलोग नहीं रहेंगे। वहां के होस्ट मार्गी श्री रंजीत जी ने हाथ जोड़ के अनुनय विनय किया कि दादा मैंने तो सबों को आमंत्रित किया है इसलिए ऐसा न करें, और शांति से कीर्तन होने दें और आप लोग भी करें । लेकिन उस अकेले सन्यासी नित्यज्ञानानंद को तरह तरह का बातें कहीं गई और उन्हें इतना धमकाया गया कि वो अंततः रात्रि में वहाँ से चले गए।
मार्गी तथा संन्यासी समाज से पूछना चाहता हूं कि, कीर्तन से किसी को भगाना या हटाना या धमकाना ये कोन से आदर्श के अंतर्गत आता है? पापी से पापी को भी बाबा नाम केवलम कीर्तन से वंचित नहीं किया जा सकता है।और यहाँ एक सन्यासी को कीर्तन से भगा दिया गया ।
रांची प्रभाग द्वारा किया गया ऐसे बीभत्स कृत्य को क्या कहा जाए:-
क्या राँची वाकई में AMPS होने की गरिमा को खो चुका है ? क्या रांची वाक़ई में ईष्ट और आदर्श को भूल गया है ?
क्या मेघदीपानंद इस बात को भूल गय या समझने में असक्षम है कि जो कुछ भी वो आज दूसरे के साथ कर रहे है, कल उनके साथ भी राँची के पदासिनों के द्वारा ऐसा ही किया जाएगा ?? जैसे कि हम सब जानते है, अतीत में कितने अच्छे अच्छे संयासियों के साथ किया गया????
मेघदीपानंद जी ने जो किया ये कोई नई बात नहीं है रांची प्रभाग के लिए ।
बस मेरा प्रार्थना यही है कि अब भी अगर हम मार्गी और सन्यासी एक नहीं हुवे तो ये घटना भविष्य में भी बार बार होता रहेगा, कभी मार्गी को भगाएगा कीर्तन और DC से तो कभी संन्यासी को और ये सिलसिला ऐसे ही चलता रहेगा जब आनन्द मार्ग के दुश्मन अपने मकसद में कामयाब नहीं होजायेगा !
Acarya Virjananda Avt.
SES. Manila Sector .
[09/06, 00:00] Animeshanandan dada PRS *रांची ग्रुप का एक और निन्दनीय कार्य*
बस्ती (उ.प्र.) के आनन्दमार्गी श्री रणजीत जी ने 7-8 जून को अपने घर में 24 घण्टे कीर्तन का आयोजन किया था। यह पूरी तरह उनका पर्सनल प्रोग्राम था। किसी को आमन्त्रित करना या नहीं करना उनकी मर्ज़ी पर निर्भर था। उन्होंने आचार्य परमेश्वरानन्द अवधूत और आचार्य उत्यागानन्द अवधूत को आमन्त्रित किया था। किसी कारणवश वे नहीं आ सके तो उन्होंने आचार्य नित्यज्ञानानन्द अवधूत को कीर्तन के कार्यक्रम में जाने की आज्ञा दी थी।। कीर्तन में आस-पास के मार्गी सम्मिलित हुए थे। कीर्तन बहुत अच्छा हो रहा था। सभी लोग ख़ुश थे।
रांची वालों को अपनी अवहेलना बर्दाश्त नहीं हुई इसलिए 7 जून की रात को मेघदीपानन्द अवधूत ( केन्द्रीय धर्म प्रचार,सचिव ), सरनानन्द अवधूत और तौलू राम (मुक्ति प्रधान) कीर्तन स्थल पर जा पहुंचे और रणजीत जी पर दबाव बनाया ताकि नित्यज्ञानानन्द जी कीर्तन स्थल से चले जाएं। फिर हुआ यह कि दस बजे रात्रि संतराम जी, नित्यज्ञानानन्द जी को अपने घर ले गए। अन्ततः जो रांची प्रशासन चाहता था वही हुआ। रांची ग्रुप के होल टाइम वर्कर्स का दुराग्रह अत्यंत निन्दनीय है जिसकी जितनी भर्त्सना की जाए, कम है।
यह घटना रांची ग्रुप की हताशा (फ्रस्ट्रेशन) को प्रमाणित करती है। ऐसा लगता है कि पाप करते-करते उनका पाप-बोध भी मर चुका है। उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि दूसरों की भावना को आहत करने वाले ख़ुद भी अपमानित होते हैं और दूसरों की न्यायसम्मत आवाज़ को दबाने वालों की आवाज़ भी देखते ही देखते पाताल में समा जाती है।
आचार्य अनिमेषानन्द अवधूत
केन्द्रीय जन सम्पर्क सचिव
🙏🙏🏽
[09/06, 00:14] Arpitananda dada*हमारे गुरुभाई तौलु राम जी को समझना होगा इन गुरुद्रोहियों को जो WT के छद्म भेष में आपके इष्ट और आदर्श की गरिमा दागदार कर रहे हैं और साथ ही साथ आप जैसे बाबा भक्त गृहियों को भी बरगला रहे हैं और पाप का भागीदार बना रहे है ।*
[09/06, 00:14] Arpitananda dada: रांची प्रशासन को तो छत्तीसगढ़ के मार्गियों और यूनिटी मूवमेंट के WTs दादा दीदियों से सीखना चाहिए कि उनके (रांची) WTs के साथ फील्ड में किस तरह सम्मान पूर्वक व्यवहार किया जाता है ।
[09/06, 00:14] Arpitananda Third Fornt: या अन्य जगहों पर भी।
Jitendra Ranchi: *बस्ती में आयोजित कीर्तन के संदर्भ में*
नमस्कार,
बस्ती में आयोजित कीर्तन में एक WT के साथ राँची के पदासिनों के द्वारा कुकृत्य किया गया AM Global फोरम उसका पुरजोर विरोध करता है, साथ ही साथ राँची के मेघदीपानंद जी को समझाना चाहता हूं कि जिसके निर्देश पर आपने ऐसा किया है , आने वाले समय मे आपके साथ भी ऐसा ही होगा। समय रहते सुधार कर लें और बाबा से क्षमा मांग लें।
_कलकत्ता प्रशासन से आग्रह करता हूँ कि उन्हें भी इस कुकृत्य का विरोध दर्ज करना चाहिए साथ ही साथ अगर सम्भव हो तो ऐसे गैर आदर्शगत कार्य को रोकने के लिए कोर्ट के संज्ञान में लाना चाहिए कि अगर कोई भक्त DMS, seminar और kiirtan जैसे प्रोग्राम में शामिल होना चाहता है तो उसे नहीं रोका जाना चाहिए।_
क्योकि भक्त से ही भगवान होते हैं तो फिर ऐसे ऐसे पदासिनों की क्या बिसात।
*राँची प्रभाग अगर वाकई में आनंद मार्ग प्रचारक संघ कहलाना चाहते हैं तो इस प्रकार की गैर आदर्शगत हरकतो से बाज आये।*
_सहृदय धन्यवाद देना चाहूंगा हमारे *तीसरे प्रभाग के GS, CPRS, SES Manila Sector* को जिन्होंने इस गैर आदर्शगत कुकृत्य का विरोध दर्ज कर खुद को AMPS होने का प्रमाण दिया है।🙏_
*राँची के मेघदीपानंद जिन्हें बाबा का भौतिक सानिध्य भी नही मिला है, संगठन में 2000 के बाद आये है और जिन्हें पूज्य बाबा का सिस्टम भी नहीं पता है और जो अभी राँची प्रभाग के DPS जैसे महत्वपूर्ण पद को दागदार किये है उन्हें सिख लेनी चाहिए पुराने DPS आचार्य सत्याश्रयानंद जी से की इनसे क्या क्या करवाया गया और इनके साथ क्या किया जा रहा है।*
_आग्रह है छोटे गुरु भाई मेघदीपानंद जी से की समय रहते अपनी भूल को सुधार कर लें और DPS जैसे गरिमामय पद ,जिसकी जिम्मेवारी ही है Unit बढ़ाने की, मार्गी बनाने की उसके अनुरूप कार्य करें उसकी गरिमा बढ़ाये न कि कुछ षड्यंत्रकारियों के बहकावे में आकर दोबारा ऐसी गलती करें। सब कुछ करें लेकिन श्री श्री आनन्दमूर्ति जी मेरे बाबा के खिलाफ न जाये।_
[09/06, 09:19] ASHOK JEE GORAKHPUR: नमस्कार,
उत्तर प्रदेश के बस्ती में कीर्तन में एक WT दादा को अपमानित करना और उन्हें वहाँ से जाने के लिए मजबूर करना घोर निंदनीय और आनंद मार्ग के आदर्शों के विरुद्ध है| कीर्तन में कोई भी आ सकता है, वह चाहे मार्गी हो या न हो| फिर एक आचार्य को कीर्तन से वंचित करना मार्ग के आदर्शों का खुलमखुल्ला उल्लंघन है| यह निंदनीय कार्य मेघदीपानन्द जी और कुछ अन्य लोगों द्वारा किया गया, जो अपने को आचार्य कहते हैं| ये तथाकथित आचार्य दूसरों को सीखाते हैं कि, कोई भी कार्य करने के पहले ब्राह्मी भाव लेना चाहिए| लेकिन जब नित्यज्ञानानन्द जी कीर्तन में आये, तब इनका ब्राह्मी भाव कहाँ चला गया था? जिस परमात्मा ने मेघदीपानन्द जी, शरणानन्द जी, मधुव्रतानन्द जी और रूद्रानन्द जी को बनाया है, उसी परमात्मा ने नित्यज्ञानानन्द जी को भी बनाया है, फिर ये भेदभाव क्यों?
जिन आचार्यों ने ये कुकृत्य किया, क्या ऐसे लोग आचार्य कहलाने के लायक हैं? ऐसे आचार्यों का ब्राह्मी भाव और नव्यमानवतावाद का विचार कहाँ चला गया था?
यदि आप में ये दोनों विचार नहीं है, तो फिर आपलोग आचार्य कहलाने के लायक नहीं है, धिक्कार है ऐसे आचार्यों पर||
आपलोगों के कुकृत्यों से परमात्मा भी निराश हो रहे होंगे| अभी समय है, सुधर जाइए, नहीं तो इतिहास के पन्नों में सिमट कर रह जायेंगे |
[09/06, 09:31] dharmendrasinha: *रांचीएडमिनिस्ट्रेशन AMPS एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह चल रहा है। इसमें आदर्श का दूर-दूर तक कोई नामोनिशान नहीं है। अपने वर्चस्व को कायम करने के लिए वह नीचिता पूर्वक कार्य करता चल रहा है। मेरठ की घटना भी मेरठ की घटना भी एक जीता जागता उदाहरण है। बाबा जन्म दिवस के अवसर पर जागृति को ताला बंद करके भाग जाना। और सारे मार्गी जागृति के बाहर में बाबा जन्मदिवस मनाने के लिए खड़ेहैं ।
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