योग, आसन और अध्यात्म भारत वर्ष की पुरानी किन्तु एक गौरवशाली परम्परा रही है। 7 अगस्त 2023, सूरत स्थित गंगा बेन उदयराम हायर सेकेंडरी स्कूल में आनंद मार्ग के व निपुण योग विशेषज्ञ आचार्य ज्योतिप्रकाशानन्द अवधूत आचार्य सर्वसुभाषानंद एवं आचार्य सुष्मिता ने अवधुत एवं अवधूतिका आनंद मधुस्मिता आचार्य के कुशल नेतृत्व में योग और आसान पद्धति को सिखाया।
इस कार्यक्रम में स्कूल के छात्र, छात्राओं के साथ साथ बड़ी संख्या में शैक्षणिक और अशैक्षणिक स्टाफ शामिल हुये। इस अवसर पर बृहद सभा को सम्बोधित करते हुये आचार्य ज्योतिप्रकाशानंद अवधूत ने आसन, योग और जीव मनोविज्ञान के महत्व पर विस्तार से चर्चा की। जीव मनोविज्ञान के विषय पर बोलते हुये आचार्य जी ने बताया कि जीव मनोविज्ञान योग की एक आधुनिक प्रक्रिया है जिसके अभ्यास से सभी का सर्वांगीण विकास; भौतिक, मानसिक और आध्यात्मिक तीनोंय स्तरों पर, होता है।
उन्होंने योग और जीव मनोविज्ञान के दार्शनिक और व्यवहारिक दोनों पक्ष को बड़ी सरलता से सिखाया आचार्य सुष्मिता नंद जी ने कहा योग ही मनुष्य को शारीरिक मानसिक रूप से निरोग रख सकती है। कि शारीरिक और मानसिक संघर्ष करते हुए मनुष्य आज आधुनिक युग में भौतिक रूप से विकास हुआ है। यह भौतिक और वैज्ञानिक विकास सही मायने में प्रगति नहीं है। आध्यात्मिक प्रगति ही सही मायने में प्रगति है। इसलिए विद्यार्थी जीवन से ही योग साधना के अभ्यास से नैतिकता आती है बिना नैतिकता का व्यक्ति का निर्माण नहीं हो सकता। और बिना व्यक्ति निर्माण का राष्ट्र का निर्माण नहीं हो सकता।



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