24 से 26 सितम्बर 2023 तथा 25 सितम्बर 2023 को प्राउटिस्ट #दिल्ली में क्रमशः एक #सम्मेलन एवं #धरना करने जा रहे हैं। भारतवर्ष की 44 जनगोष्ठियाँ प्राउटिस्ट सर्व समाज के मंच से भारतवर्ष के निर्माण की हुँकार भरेंगे। इसके लिए समाज के नीति निर्माताओं एवं कर्णधारों ने आठ सूत्री मांग का एक मांग पत्र तैयार किया है। उसको लेकर भारत सरकार के नाम एक संदेश जारी किया जाएगा। जिसमें भारतवर्ष के भाग्योदय की कार्य योजना प्रस्तुत की जाएगी। आज इस पर चर्चा करेंगे ताकि सभी प्राउटिस्ट इसके लिए तैयार रहे।
आठ सूत्री मांग पत्र
१. 44 #जनगोष्ठियों को मिले वैधानिक दर्जा - प्रउत प्रणेता की प्रगतिशील विश्व निर्माण योजना के तहत प्रगतिशील भारतवर्ष के निर्माण की योजना को 44 जनगोष्ठियों में प्रकट किया है। यह जनगोष्ठियाँ वैधानिक स्वीकृति प्राप्त करें। इसके लिए प्राउटिस्ट एकजुट होकर अपने मांग को भारत सरकार के समक्ष रखने जा रही है। यह ऐतिहासिक दस्तावेज प्रगतिशील भारतवर्ष के निर्माण की आधारशिला बनेगा।
२. #कच्चामाल जनगोष्ठियों से किसी भी सुरत में बाहर नहीं जाए - प्राउटिस्ट भारत सरकार एवं भारतवर्ष की आवाम को कहने जा रही है कि यह जनगोष्ठियाँ अपने में संपन्न है। इन्हें आत्मनिर्भर रुप देने के लिए एक ऐसा कानून बनाना ही होगा कि कच्चा माल किसी भी सुरत में समाज क्षेत्र से बाहर नहीं जाए। समाज के परिक्षेत्र में ही कच्चे माल को तैयार करने के कारखाने विकसित किये जाए। जिसमें स्थानीय लोगों की शतप्रतिशत भागीदारी हो।
३. #कृषि को मिले उद्योग का दर्जा - प्राउटिस्ट सर्व समाज अपनी तीसरी मांग के तहत कृषि को उद्योग का दर्जा देने की मांग को बुलंद करने जा रही है। 140 करोड़ भारतीय का पेट भरने वाले अन्नदाता किसान को अपनी उपज का भाव तय करने का वैधानिक अधिकार मिले। जिसमें वह अपनी लागत खर्च जोड़कर अपने उत्पाद का दाम तय करेगा, जैसा अन्य उद्योग करते हैं।
४. #कृषि एवं उद्योग में स्थानीय लोगों की सहभागिता सुनिश्चित हो - प्राउटिस्ट सर्व समाज की चतुर्थ मांग के तहत कृषि, कृषि आधारित, कृषि सहायक एवं अन्य उद्योग के संचालन में स्थानीय लोगों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत एवं सशक्त कानून लाने का दावा पेश करता है।
५. #मातृभाषा में कामकाज एवं शिक्षा हो - सरकारी, अर्ध सरकारी, गैर सरकारी दफ्तरों में तथा संस्थानों में जनगोष्ठि विशेष की मातृभाषा में कामकाज हो तथा उस जनगोष्ठी की शिक्षा मातृभाषा में ही हो, इस बात सुनिश्चित करें। सभी शिक्षण संस्थाओं को अनिवार्य रूप से इसका पालन करें।
६. #जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप को संयमित करना - जनप्रतिनिधियों की सीमारेखा उनके वेतन- पेशन एवं विधायिका तक सीमित रहे। अन्य क्षेत्र में उनके हस्तक्षेप को समाप्त कर दिया जाए।
७. #व्यवसायीकरण मुक्त निशुल्क शिक्षा एवं चिकित्सा - प्राउटिस्ट सर्व समाज अपने सातवीं मांग के तहत शिक्षा एवं चिकित्सा के पेश को बंद कर निजी हाथों मुक्त कराकर सबके लिए समान एवं निशुल्क शिक्षा एवं चिकित्सा की मांग करता है।
८. #अश्लील एवं भोगवादी प्रसारण बंद कर नैतिक मूल्यों आधारित प्रसारण अनिवार्य करें - प्राउटिस्ट सर्व समाज के मांगपत्र का अंतिम प्रश्न अश्लीलता एवं भोगवादी सिनेमा, धारावाहिक, इंटरनेट इत्यादि पर चोट करता है। इन्हें पूर्णतया प्रतिबंधित कर नैतिक मूल्यों पर आधारित चीजों का प्रसारण अनिवार्य करें ही।
प्राउटिस्ट सर्व समाज के 25 सितम्बर 2023 के धरने का संकल्प पत्र आपके समक्ष एक आलेख के रूप में जन जन में प्रचारण करने हेतु रखा जाता है। इस पर प्रश्न एवं पूरक प्रश्न तैयार कर जन गण मन में श्री प्रभात रंजन सरकार के संकल्प पत्र को स्थापित करने के प्रयास करें।
. आचार्य रणधीर सुशील रंजन महेंद्र प्रताप
राष्ट्रीय प्रवक्ता PSS. महासचिव PSS अध्यक्ष PSS




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