प्रउत प्रशिक्षण , प्रश्न उत्तर




1. प्रगतिशील किसे कहते हैं

2. किसी की प्रगति को हम विकास कह सकते हैं? प्रगति और विकास में अंतर क्या है*

3. प्रउत के आर्थिक दर्शन में अर्थ का क्या क्या मतलब है

Answer by Prof R. P Singh Gorakhpur

1. प्रकृष्ट गति इत्यर्थे प्रगति। 

जो गति भौतिक या मानसिक स्तर तक ही सीमित नहीं रहकर आध्यात्मिक क्षेत्र में भी बनी रहती है वही प्रगति है।

2. विकास गुणात्मक व मात्रात्मक रूप से भौतिक या मानसिक क्षेत्र या दोनों तक सीमित होता है। वृधि (growth) निरपेक्ष या सापेक्ष रूप से मात्रात्मक होती है।

3. प्रउत के आर्थिक दर्शन में अर्थ को व्यापक रूप से तीन अर्थों में प्रयोग किया गया है।

अर्थ माने 'धन' या समस्त उपयोगी 'साधन' या किसी बात का 'मतलब'।

Answer by Rajesh Singh 

बोलचाल की भाषा में प्रगति को हम विकास या Development का पर्याय समझते हैं। जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। 'प्रकृषटा गति इत्यर्थे प्रगति' अर्थात ऐसी प्रगति जिसमें नकारत्मकता / Negative पक्ष या Side Effects नहीं हो। हम पैदल चल रहे हैं तो टकराने या गिर जाने की सम्भावनायें शून्य हैं। साईकल से गिरने या टकराने एवं चोट की संभावनाएं ज्यादा हैं। वैसे ही कार में और ज्यादा और हवाई जहाज दुर्घटना में बचने की संभावनाएं लगभग शून्य हैं। भौतिक जगत में जो विकास हो रहा है उसमें ट्रांसपोर्टेशन की गति तीव्र होती गयी तो उसके अनुरूप ही दुर्घटना या चोटिल होने की संभावनाएं बढ़ती गयीं।


जबकि प्रगति मानसा-आध्यत्मिक क्षेत्र में होता है जिसका कोई नकारात्मक प्रभाव या Side Effect नहीं होता है। प्रउत का सामजिक आर्थिक दर्शन लोगों के न्यूनतम आवश्यकताओं की पूर्ति के उपरांत, संसाधनों का प्रगतिशील उपयोग करते हुये, अनवरत बढ़ते जाने की प्रक्रिया है जिसका लक्ष्य मानस अर्थशास्त्र (Psycho Economy) है जहां लोग रोजमर्रा के जीवन के संघर्ष के परे मानसिक आध्यात्मिक पथ (Psycho Spiritual Orientation) की ओर अग्रसर होंगे।

Post a Comment

0 Comments